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Wednesday 13 February 2013

Our Childhood Story


Our Childhood Story


ये दौलत भी ले लो,ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बच्चपन का सावन
वो कागज़ की कस्थी वो बारिश का पानी 
मोहल्ले की सबसे निशानी पुरानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों में परियों का डेरा
वो चेहरे के झुरियों में सदियों का फेरा 
भुलाए नहीं भूल सकता है कोई
वो छोटी सी रातें वो लम्बी कहानी
कड़ी धुप में अपने घर से निकलना
वो चिड़िया वो बुलबुल वो तितली पकड़ना
वो गुडिया की शादी पे लड़ना झगड़ना
वो झूलों से गिरना,वो गिर के संभालना
वो पीतल के छल्लों के प्यारे से तोहफे
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी
कभी रेत के ऊंचे तिलों पे चड़ना
घरोंदे बनाना,बना कर मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख्वाबों खिलोनो की ताबीर जागीर अपनी
न दुनिया का ग़म था न रिश्तों के बंधन
बड़ी खूबसूरत थी वो जिंदगानी
(अनाम)

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