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Thursday 18 February 2016

हमें क्या चाहिए - आज़ादी,लड़के लेंगे -आज़ादी

हमें क्या चाहिए - आज़ादी,लड़के लेंगे -आज़ादी
संघवाद से - आज़ादी,आर एस एस से- आज़ादी
मनुवाद से -आज़ादी,दंगाईयो से - आजादी
पूंजीपतियों से- आजादी,भुखमरी से- आजादी
देश के खिलाफ लगने वाली किसी भी नारे और आवाज़ के खिलाफ हूँ | और नजरिया बिलकुल साफ़ आपकी तरह नहीं की मोदी जी के सामने झंडा उल्टा है, तो आप चुप | गरीब आदिवासियों को सतायेंगे तो हम चुप सिर्फ झंडा लगा देने से आप देशभक्त होते है, हम नहीं | हमारा पडोसी अगर परेशान होगा चाहे वो किसी भी धर्म का ही क्यूँ न हो हमें दर्द हैं आपको हो या न हो | क्यूंकि भावनाएं आपकी शुन्य हैं हमारी नहीं संसद पर हमला भाजपा के शासन में होता हैं तब आप चुप और दूसरी पार्टी फांसी देती हैं | और आपको सत्ता की इतनी भूख है की आप कश्मीर में अफजल गुरु की फांसी के विरोध वालो के साथ सरकार बना लेते हैं | आप नवाज़ शरीफ के घर की शादी में अचानक जाकर मिल लेते हैं तब आप भक्त चुप रहते हैं | पठानकोट में हमला होता हैं तब आपकी आवाज़ नही निकलती पकिस्तान के खिलाफ सियाचिन मामले में चंद दिन आंसू बहा लेने के बाद भूल जाते हैं | कभी उसका पूर्ण उपाय नहीं सोचते क्यूंकि मरने वाले आपके अपने नही होते | हमको मत सीखिए देशभक्ति हमारे पूर्वज आजादी से पहले जेल गए थे आपकी तरह माफ़ी नही मांगे थे अंग्रेजो से |
‪#‎AntNationalSlogans‬

Tuesday 9 February 2016

फेसबुक पर धार्मिक पोस्ट !


फेसबुक पर थोड़ी बहुत धार्मिक पोस्ट डालने के बाद आपको लगने लगा हैं की आप धर्म और जात से ऊपर उठ गए हैं । तो वो आपका तपस्या या अध्यात्म नही बल्कि घमंड हैं । क्यूंकि आपका नजरिया हमेशा दो होता हैं । कभी तो आप याक़ूब मेमन की फांसी का विरोध करते हैं,तो दूसरी तरफ कमलेश तिवारी के लिए फांसी की मांग । शर्ली अब्दो की हत्या गलत, पर कार्टून भी सही नही,तो आपको लगने लगा की आप धर्म और जात से ऊपर उठ गए हैं, तो ये आपकी गलत फहमी हैं । क्यूंकि आप निरे घमंडी हैं और कुछ नहीं बाकी मेरा मतलब आपको आइना दिखाने का नही बस आप की तरह जो लोग फेसबुक पर मुसलमानो का गठबंधन बनाकर इस तरह की बात करते हैं उनके लिए ।

Saturday 6 February 2016

खान अब्दुल गफ्फार खान एक व्यक्तित्व


आज खान अब्दुल गफ्फार खान का जन्मदिन है। खान साहब मेरे लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे। बहुत ज्यादा नहीं पढ़ा या जान पाया हूँ लेकिन जितना जाना उस हिसाब से तो खुदाई खिदमतगार कभी हो ही नहीं सकता। पर खुद से लड़ाई हैं खुदाई खिदमतगार बनने की और इंशाअल्लाह जिंदगी भर रहेगी। मुझे पता है आज अगर खान साहब होते तो मुझ नाचीज को डांट कर ठीक कर देते। जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ सभी खुदाई खिदमतगारो को। मैंने खान साहब को देखा तो नहीं पर मैं कह सकता हूँ कि मैंने देखा है क्योंकि उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने में निरंतर लगे रहन वाले Faisal भाई की मेहनत और लगन भी देखी हैं।

खान साहब सोचते थे अगर वे कुछ ऐसे खुदाई खिदमतगार पैदा कर सकें जो मन,बचन और कर्म से एक हो तो उसका जीवन सफल हो जाए | इसीलिए वो बार बार कहते की मुझे ज्यादा खुदाई खिदमतगारो की नही | मुझे तो सिर्फ कुछ सच्चे खुदाई खिदमतगार की जरूरत हैं । खान साहब कहते थे एक खुदाई खिदमतगार में ये खूबियाँ तो होनी ही चाहिए जो वह वो करके दिखाएं | पार्टीबाजियां, मुक़दमे बाजियां और दुश्मनिया न करें | किसी पर जोर जुल्म न करें 
किसी से बदला न लें जो कोई उसकी बुराई करे वो उसके साथ यह न करें अच्छा चरित्र और अच्छी आदते पैदा करें जुल्म के खिलाफ आवाज़ दें | सच बोले
दुराचार से बचा रहे शुद्ध, स्वच्छ और सरल हो |
वो बार बार कहते थे लोगो सोच लो समझ लो हमे खूब देख लो और परख लो तब खुदाई खिदमतगार बनो ताकि बाद में पछतावा न हो | हमारे रास्ते कठिन हैं | मकसद दूर और बड़ा हैं | इसमें फ़ौरन न ख़ुशी हैं न कोई फल हैं | सिर्फ काम हैं इंसानियत का काम | खिदमते खल्क हैं जिसके रास्ते में भूकंप, बाड़, तबाही, दर्द, दुःख के रोड़े हैं इन्हें पार करके जाना हैं | मीलो जाना हैं जिसमे कहीं ठहराव नही हैं | अगर आप तैयार हो सके तो यकीं माने ईश्वर के साथ |