ना जाने कैसे सामाजिक बेड़िया हैं ये की इंसान जिससे सबसे ज्यादा प्यार करता हैं उसके सामने जता नही सकता अकेले में ही सिर्फ | मेरे पिता मुझसे बहुत प्यार करते थे पर कभी जताया नही हमेशा डांटे रहते थे | पर अकेले में मेरी तारीफ अम्मी से और सभी से यहाँ तक की जब दसवी में अव्वल आए तो मुझसे बोले ठीक हैं पर अकेले में तस्वीर को ही चुमते रह गए | आज फिर वही स्थिति हैं याद तो मुझे वैसे भी हैं | पर फेसबुक और hotmail ने बताया छोटे भाई Mohammad Kaif का जन्मदिन हैं अब सबको शुभकामनाएं सबसे पहले देते हैं | पर वही बातें होती हैं प्यार भी बहुत हैं दोनों को क्यूंकि अब्बू के जाने के बाद हम दोनों एक दुसरे के लिए हमेशा बाप बने रहे | कभी वो मुझे समझाता कभी मैं उसे लेकिन इ जन्मदिन की शुभकामनाएं कैसे दि जाए आज तक समझ नही आया पिछले वर्ष तो मित्र हैं हमारे कह दिए थे \ अबकी हालत गंभीर हैं और हमे भी पता हैं बस आप लोगो भी अब मेरे लिए तो परिवार ही हैं | आप लोग दुवाएं देकर उज्ज्वल भविष्य की कामना करें |
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Friday, 9 October 2015
सामाजिक बेड़िया और जन्मदिन
ना जाने कैसे सामाजिक बेड़िया हैं ये की इंसान जिससे सबसे ज्यादा प्यार करता हैं उसके सामने जता नही सकता अकेले में ही सिर्फ | मेरे पिता मुझसे बहुत प्यार करते थे पर कभी जताया नही हमेशा डांटे रहते थे | पर अकेले में मेरी तारीफ अम्मी से और सभी से यहाँ तक की जब दसवी में अव्वल आए तो मुझसे बोले ठीक हैं पर अकेले में तस्वीर को ही चुमते रह गए | आज फिर वही स्थिति हैं याद तो मुझे वैसे भी हैं | पर फेसबुक और hotmail ने बताया छोटे भाई Mohammad Kaif का जन्मदिन हैं अब सबको शुभकामनाएं सबसे पहले देते हैं | पर वही बातें होती हैं प्यार भी बहुत हैं दोनों को क्यूंकि अब्बू के जाने के बाद हम दोनों एक दुसरे के लिए हमेशा बाप बने रहे | कभी वो मुझे समझाता कभी मैं उसे लेकिन इ जन्मदिन की शुभकामनाएं कैसे दि जाए आज तक समझ नही आया पिछले वर्ष तो मित्र हैं हमारे कह दिए थे \ अबकी हालत गंभीर हैं और हमे भी पता हैं बस आप लोगो भी अब मेरे लिए तो परिवार ही हैं | आप लोग दुवाएं देकर उज्ज्वल भविष्य की कामना करें |
Friday, 26 June 2015
मैं मोहम्मद अनस मुझे अपने मुल्क हिंदुस्तान से मुहब्बत हैं।
मैं मोहम्मद अनस मुझे अपने मुल्क हिंदुस्तान से मुहब्बत हैं। मुहब्बत सिर्फ इसलिए नहीं कि मैं यहाँ पैदा हुआ या मेरे बाप दादा, और न ही इसलिए कि बटवारे के समय हमारे पूर्वजों का पाकिस्तान न जाने की वजह से यही रह जाना बल्कि इसलिए कि जब इस देश में बँटवारे के बाद साम्प्रदायिक दंगे होते हैं तो उसके विरोध में एक हिन्दू महात्मा गाँधी खड़े होते हैं। बाबरी मस्जिद शहीद की जाती हैं तो उसके विरोध में सबसे आगे हिन्दू ही आते हैं (बाबरी मस्जिद एकशन कमेटी में एक भी हिन्दू न होने का अफसोस और विरोध है।) गुजरात में दंगे होते हैं तो विरोध में सबसे आगे हिन्दू ही आते हैं, बचपन में मेरा भाई कैफ नहीं अर्पित होता हैं, मर मिटने का दिल करता है जब रमज़ान में सहरी के समय अमित अपने फोन मे अलार्म लगाता है। और पूरे नवरात्रों और बड़े मंगल के महीनों में मेरा नानवेज न खाना । हां मै प्रसाद खाता हू क्योंकि वह मिठाई ही होती हैं आपके अनुसार गौ मुत्र नहीं। और आप चचा। खजुर खाने से हिन्दू ही रहेंगे मुसलमान नहीं। तो कसम मुझे मेरे मुल्क की इनही सब चीजों को देखकर धार्मिक कट्टरपंथियों से लड़ने और मुल्क से मोहब्बत करने का दिल करता है। ❤ ❤
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