आरक्षण को खत्म करने की आवाज़ उठाने वाले अगड़ी जाती के पड़े लिखे युवाओ जब आपके पूर्वजो ने पानी पी पी कर अत्याचार किया था, तब कहाँ गया था आपका बराबरी का सम्मान जिनको सदियों से दबाया गया है | आज बाबा साहब की वजह से आपके साथ बराबरी से बैठे हैं और आप उनके दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं, तो शान को ठेस पहुच रही हैं | जिनको बचपन में क्लासरूम में पीछे और आपको (अगड़ी जाति के नवयुवक) आगे बिठाया जाता था जिस कारण वो पड़ाई में कमजोर रहे हैं तो क्यूँ न उनको आरक्षण दिया जाए | बाबा साहब ने ये जरूर कहा था की आरक्षण को दस साल बाद खत्म कर देना चाहिए लेकिन उस में तो उनके सामाजिक जीवन में कोई बहुत बड़ा बदलाव नही आया | हाँ ये जरुर की जिन परिवारों को आरक्षण मिलता हैं वे अपनी जाती के उद्धार के लिए कुछ न कुछ करना चाहिए जो की नहीं करते | हाँ ये जरुर हैं आरक्षण पर एक बड़ी थिन्कटैंक बहस की जरुरत हैं |
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