बुखारी साहब आप भूल रहे हैं की आपकी गुंडागर्दी से मुसलमान भी कोई खुश नहीं है, तो इसका मतलब क्या आपके पीछे नमाज़ पड़ना छोड़ दें, और देश का प्रधान मंत्री जो की एक सवैधानिक पद हैं उनको न बुलाकर आपने एक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बुलाकर जो( सिर्फ भारत को गरियाकर ही चुनाव जीतते हैं) को बुलाकर देश के सवैंधानिक पद का मज़ाक उड़ाया हैं । किस आधार पर बुलाया हैं आप शायद भूल गए की मौलाना आज़ाद भारत पाकिस्तान विभाजन के समय जामा मस्जिद (जो आपके बाप की जागीर हो गयी हैं) से मुसलमानो से रुक जाने का आवाहन किया था । आप ने अपने बेटे शाबान बुखारी को क्या काबिलियत देख कर शाही इमाम की ताजपोशी कर रहे हैं , ऐसा न करिये नहीं तो आने वाली नस्लें शाही इमाम जैसे गरिमामय पद की कोई इज्जत ही न करें ।
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