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Saturday, 24 May 2014

पत्रकारिता के व्यापर में

Print shot taken by me

बड़ा दुःख होता है जब आजकल के पत्रकारिता के व्यापर में व्यापार ही है यहाँ कोई सेवा करने नही आता, आज का ताजा उदहारण जिससे और भी दुःख होता है की जाने अनजाने में बगैर कोई आधार के हम लोगो को आतंकवादी ठहरा देते हैं, सुबह इंडिया टुडे के सूत्र के अनुसार हमने अपनी न्यूज़ पोर्टल (खबर अभी ट्रैश कर दिया) पर एक खबर चलायी थी की एन आई ए ने झारखण्ड के बारिआतु के एक लॉज से दो लड़को को गिरफ्तार किया है जिनका सम्बन्ध इंडियन मुजाहिदीन से है और उनके पास कुछ विष्फोटक सामान भी मिला है, उस खबर पर झारखण्ड के हमारे साथी कौशलेन्द्र जी ने तथ्यों समेत कड़ी आपत्ति जताई और बताया की एन आई ए ने २१ की रात में रांची के एक लॉज में छापा मरकर दो लड़को को गिरफ्तार तो किया था, पर उनका सम्बन्ध तो किसी आतंकवादी संगठन से नही बताया था और उनकी जांच में भी ऐसा नही हैं, और बरामद सामन में भी सिर्फ पेन ड्राइव के सिवा और कुछ नही मिला। खबरों में विस्फोटक सामान कहा से कह दिया । और बरिआतू में तो कोई जांच करने गया नही, हाँ चार साल पहले वहां से एक लड़के को गिरफ्तार किया गया था, अब समझ में ये नही आ रहा है की पुलिस और जांच एजेंसियों से ज्यादा तो मीडिया लोगो को आतंकवादी बना देती हैं और मनगढ़ंत खबर प्लांट करके किसी एक धर्म और उसके लोगो को बदनाम करने और डराने का काम कर रही हैं| और वो भी देश के सबसे बड़े नई चैनल

NIA recovers explosives, documents related to IM from Ranchi lodge
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