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Tuesday, 26 March 2013

बालासाहेब से दूर होती शिवसेना




17 नवम्बर 2012 का दिन शायद सबको ही याद होगा  क्योंकि  इस दिन हिंदुस्तान ने अपना एक हिंदुत्व का चेहरा बन चुके शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को खो दिया। जोकि शिवसेना के लिए  एक अपूर्णीय क्षति हैं। बाला साहेब ठाकरे सिर्फ एक कट्टर हिंदुत्ववादी नेता ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। हम सब उनका  ह्रदय से सम्मान करते हैं , जब बालासाहेब ठाकरे के निधन की खबर देशकी जनता को लगी तो पूरे  देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी । लोगो के बीच इस बात की चर्चा होने  लगी कि अब शिवसेना पर से बालासाहेब के परिवार का वर्चस्व ख़त्म हो जायेगा | क्योंकि बालासाहेब छवि उनके बेटे उद्धव ठाकरे में नहीं बल्कि उनके भतीजे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे में दिखती हैं | हालाँकि राज और उद्धव के बीच तो बालासाहेब के सामने ही मतभेद था | इसी कारण से राज ने अपनी एक अलग पार्टी बनायीं थी |  इस वजह से उनकी  शिवसेना में वापसी लगभग असंभव सी लग रही हैं।  आज 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में प्रतिबंधित हथियार रखने के दोष में बॉलिवुड स्टार संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई है | और उनकी सजा पर जब प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल शंकर नारायण से अपील की है  कि वह भारतीय सविंधान के अनुछेद १६१ के तहत संजय दत्त को माफ़ कर दें | इससे राजनीतिक हलको में गर्माहट आ गयी |
अनुछेद १६१ (अनुछेद १६१ के अंतर्गत माफ़ी देने का अधिकार न्यायिक शक्ति से अलग हैं क्योंकि किसी अदालत के द्वारा फैसला सुनाने के बाद राज्यपाल या राष्ट्रपति को यह अधिकार है  कि वह दोषी की सजा कम या माफ़ कर सकता है )  जस्टिस काटजू की इस अपील का कुछ  लोगो ने समर्थन भी किया हैं। लेकिन  मुद्दा  यह है की शिवसेना की एमएलसी नीलम गोर्हे ने संजय दत्त की माफ़ी का विरोध किया है। इससे साफ़ लगता है की अब शिवसेना बालासाहेब की विचारधारा और उनके फैसलों को कोई महत्व नहीं देता | आज शिवसेना बालासाहेब ठाकरे से अलग अपना रास्ता बना रही हैं | क्योंकि जब 26 अप्रैल 1993 को फिल्म अभिनेता संजय दत्त  जुर्म कबूलने के बाद १६ महीने के लिए जेल गए थे तब उनके पिता सुनील दत्त जी हर तरफ से थक हार कर आखिर में  रात को ११ बजे बालासाहेब ठाकरे से मिलने मातोश्री गए । बालासाहेब ने उनसे सिर्फ एक ही सवाल किया था की क्या उनको लगता है की उनका बेटा  निर्दोष हैं | सुनील दत्त कहाँ हाँ उसके बाद बालासाहेब ने उनको दिलासा दी की उनका बेटा जल्द ही जेल से छूट जायेगा | क्योंकि  उस समय महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार थी |  जमानत से बाहर आने के बाद संजय दत्त सबसे पहले सिद्धिविनायक मंदिर माथा टेकने गए फिर उसके बाद  मातोश्री में बालासाहेब से आशीर्वाद लिया  |   बालासाहब भी संजय दत्त को पूरा स्नेह देते थे | अफ़सोस आज जब संजय फिर से परेशानी में घिर गए तो उनके साथ ना ही उनके पिता सुनील दत्त साहेब है और ना ही बालासाहेब ठाकरे ऐसे में तो वर्तमान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का फ़र्ज़ बनता हैं कि अपने पिता की तर्ज़ पर संजय दत्त कि मदद करना चाहिए । बालासाहेब के लहू से सींची गयी शिवसेना आज संजय से खुद को अलग कर रही है ।