About Me

Saturday, 2 January 2016

एक अहसास !

अजीब कशमकश में डुबा हुआ तुम्हारे बारे में सोच रहा था की कलम खुद से चलने लगी ।  समझ् में नही आ रहा कि ऊपर वाले ने किसी को इतना प्यारा भी बनाया है। एक इन्सान में इतनी सारी खुबी कैसे हो सकती है मैने कभी तसव्वुर भी नही किया थ। के मुझ् नाचीज को कोई इतना अच्छा लग जायेगाा। तुम एक सुबह की तरह हो जिसका मुझ् हर रात के बाद इंतजार रहता है। तुम वह खिलता हुआ फूल हो जिसे देखकर लगता है दूनिया तुम्हारे लियेे ही बनी है। तुम्हारी हर एक अदा दिल का छू जाती है। तुम्हारा मुझ्से रुठना बात बात पर झ्ागड़ा करना लगता है हम दोनो एक दूसरे के लिये ही  बने हो तुमको चिढ़ाना और परेशान करना मुझ्ो अच्छा लगता है। रात में जब चांद पर नजर जाती है तो लगता है कि वह तुम हों। तुम्हारे बालों को देखकर लगता है तुम काली रात जैसी है। तुम्हे शायद अंदाजा भी नही कि तुम जिन रास्तो से गुजरती हो वह तुम्हारा इंतजार करते है। मानो जैसे एक अच्छे मौसम के बाद पंछी आसमान में अपने पंख फैलाकर उड़ते है। तुम वह फूल कि तरह हो जिसका कहीं भी रखा जाये तो वह सारी जगह को महका दें ।अब बस नही तो यह कलम भी तुमसे प्यार करने लगेगी और यह लिख भी नही पायेंगी ।

#ehsaas

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