नई सड़क (रविश कुमार जी का ब्लॉग) कभी कभी जाना होता हैं । आज का लेख था
क्यों नहीं है मीडिया में अंबेडकर जयंती की कवरेज़ ? सवाल था पत्रकारिता की छात्र शैनन का सही भी है। मेनस्ट्रीम मीडिया ज्यादातर उन्ही खबरों को कवर करती हैं जिसमे कोई बड़ा नेता हो बस बाकी बाबा साहब के नाम पर होने वाले छोटे बड़े कार्यकर्मो को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया जाता है, क्यूंकि उसमे बड़ा चेहरा नहीं होता इसमें दर्द हैं, उन लोगो का जो की उस समाज से आते हैं जिन्हे मंदिरो में जाने से सिर्फ उनकी जाति और वर्ण की वजह से रोक दिया जाता था आज भी होता है । उनके कानो में शीशा पिघला कर और जबान काँट दिया जाता था। सिर्फ उनके किसी श्लोक को सुनने और उच्चारण मात्र से (सिर्फ आलोचना नहीं अब तो ये मुसलमानो में भी शिया,सुन्नी,देवबंदी,बरेलवी
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