दिल्ली में जब कोई मुझसे पूछता हैं कि कहाँ से हो तो गर्व से कहता हूँ, बहराईच से फिर उनको बताना पड़ता हैं कि लखनऊ से 120 कि०मी० की दूर है। या फिर सय्यद सालार मसूद गाजी रहमत उल्लाह अलैह जिनका सालाना इतना बड़ा मेला लगता हैं।क्योंकि और तो कुछ मशहूर हैं नहीं एक नेता थे जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बहराईच का नाम रौशन किया, आरिफ मोहम्मद खान जो कि तथाकथित मुस्लिमों के रहनुमाओं की वजह से हाशिए पर धकेल दिये गये। न तो रेलवे बड़ी लाईन है और न ही ढंग की रोड कनेक्टिविटी । जब नीतीश कुमार रेलमंत्री थे तब से सुन रहा हूँ बड़ी लाइन के बारे में पर आज तक कुछ नहीं हुआ। आसमानी प्रत्याशी थे सोनिया गाँधी के करीबी यह बहराईच का विकास करेंगे लेकिन यह साहब तो अपनी ससुराल ही रहे पांच साल हा कभी कभार किसी के वहाँ चाय पर नजर आ जाते थे। अबकी बार महिला सांसद हुई पर सासंदी तो एक पूर्व विधायक जी के पास है। जिनको विकास तो करना नहीं हैं दो पैसे की साध्वियों को बुला कर महात्मा गाँधी के खिलाफ ऊलजलूल टिप्पणियां करवा लो, चाहे संघियो के वंशज अंग्रेजों के मुखिबर ही रहे हो। हां तो आधी सांसद महोदय आप से विकास तो होगा नहीं तो कृपया करके नकली साध्वियो को बुलाकर हमारे जनपद को बदनाम न करें तो मेहरबानी होगी
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