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वह हैं खास
उसने अभी-अभी अपनी 28वीं सालगिरह मनाई है और 19 अरब डॉलर की अपनी दौलत के साथ वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 29वीं जगह पर काबिज हो चुके हैं। लेकिन वह सिर्फ अपनी दौलत की वजह से खास नहीं है सारी दुनिया की निगाहें उस पर टिकी हुई हैं, क्योंकि महज 8 बरस में उसने दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट बना दिया, क्योंकि वह इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ लाने में कामयाब रहे, क्योंकि आज उसकी कंपनी अमेजन, सिस्को और फोर्ड से भी ज्यादा कीमत रखती है, क्योंकि वह कॉरपोरेट की चमचमाती दुनिया के सबसे कमउम्र सीईओ हैं। क्योंकि उनकी पर्सनल स्टाइल को लेकर लोग हैरान हैं और मुग्ध भी, और क्योंकि अब उन्होंने अपनी बचपन की दोस्त से ब्याह रचा लिया है और क्योंकि उनकी साइट को अगर एक देश मान लिया जाए, तो 90 करोड़ यूजर्स के साथ यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होती। और, क्योंकि फेसबुक आज दुनिया में सरकारों को उलट देने की ताकत हासिल करके बदलाव का सबसे बड़ा हथियार बन गई है। चाहे अरब देशों की जन क्रांति हो या भारत में लोकपाल आंदोलन, फेसबुक लोगों को ऑर्गनाइज करने का सबसे बड़ा फोरम बन गया है।
उसक! स्टाइल
वह हुड वाली स्वेटशर्ट और स्नीकर में ही नजर आते हैं। बिजनेस सूट और टाई से लैस कॉरपोरेट की औपचारिक दुनिया में यह कई लोगों को अटपटा लगता है। यहां तक कि बड़े बैंकर और इनवेस्टर इसे उनकी अकड़ ठहराते रहे हैं। लेकिन कोई संकेत नहीं हैं कि वह अपना स्टाइल बदलेंगे। वह आज भी वैसे ही हैं, जैसे हार्वर्ड के दिनों में थे।
उनका बिजनेस का अंदाज
फेसबुक जैसा एंपायर खड़ा कर देना कोई मामूली बात नहीं है। इसके लिए ऊंचे दर्जे की मैनेजमेंट क्वॉलिटी, मेहनत, टीमवर्क और विजन की जरूरत पड़ती है। अपनी कंपनी को लिस्ट करके वह पहली बार उस दुनिया में उतरे हैं, जहां हर पल माकेर्ट की नजर रहती है, रेवेन्यू बढ़ाने और फायदा कमाने का दबाव रहता है। उन की बिजनेस स्टाइल पर भी अब लगातार बहस होती रहेगी। एक नजर उन बातों पर जिसने फेसबुक को यहां तक पहुंचाया:
1. पहली बात जो mldks को खास बनाती है, वह है अपने बिजनेस पर पूरा यकीन और कामयाबी के लिए जबर्दस्त कमिटमेंट। उन्हें एक सख्त और नो-नॉनसेंस बॉस माना जाता है। उनके लिए खुद में और कंपनी में कोई फर्क नहीं है।
2 . उसने
सीखने से कभी परहेज नहीं किया। फेसबुक जैसी कंपनी का सीईओ होने के बावजूद उन्होंने नए आइडिए के लिए खुद को हमेशा खुला रखा। जब उन्हें लगा कि चीन एक बड़ा बाजार हो सकता है, तो उन्होंने मैंडरिन सीखनी शुरू कर दी।
3 . गलतियां उसने भी कीं लेकिन उन्हें माना। जब एफबी पर न्यूजफीड की शुरुआत हुई तो प्राइवेसी का मुद्दा खड़ा हो गया। स्टूडेंट्स अगेंस्ट न्यूज फीड के नाम से एक ग्रुप तैयार हो गया और साढ़े सात लाख लोग उसके मेंबर बन गए। mugksusa फौरन ग्रुप के फाउंडर से माफी मांगी और सलाह देने को कहा। न्यूजफीड कभी बंद नहीं हुआ लेकिन mugksusa ने एक ऐसे मुद्दे को ठंडा करने में कामयाबी हासिल कर ली, जो फेसबुक को चौपट कर सकता था।
4 . उसको अपनी ताकत और कमजोरी का पूरा अहसास रहा। उनकी ताकत है एक प्रॉडक्ट डिजाइनर होना। उनकी कमजोरी है रोजमर्रा के मैनेजमेंट को डील न कर पाना। इसके लिए उन्होंने कामयाब लोगों को हायर किया, चाहे वे कहीं से भी मिलें।
5 . उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स और एपल के स्टीव जॉब्स से दोस्ती की और उन्हें अपने मेंटॉर का दर्जा दिया। वॉशिंगटन पोस्ट के डोनाल्ड इ.र् ग्रैहम से उन्होंने सीखा कि कैसे किसी कंपनी को अपने ब्रैंड पर फोकस करना चाहिए। अपने सबक सीखने के लिए वह कई दिनों तक छाया की तरह ग्रैहम के साथ रहे और फिर उन्हें एफबी में डायरेक्टर बना लिया। पालो ऑल्टो में स्टीव जॉब्स के साथ वह अक्सर टहलते थे। उन्होंने टीम मेंबर्स के साथ इंटरैक्शन और बिजनेस सीखने के लिए सैंडबर्ग को अपना सलाहकार बनाया।
6 . वह किसी गलतफहमी के शिकार नहीं रहे। उन्हें इस बात का हमेशा अहसास रहा कि वह क्या बनाने जा रहे हैं और इसे कहां तक पहुंचाया जा सकता है। सिर्फ एक बार उन्होंने फेसबुक को बेचने का मन बनाया।
2006 में वह 1 बिलियन डॉलर में फेसबुक को याहू के हवाले करने पर लगभग राजी हो गए थे। लेकिन जैसे ही इस डील पर सहमति बनी, याहू के शेयर गिर गए और याहू ने प्राइस घटाकर 850 मिलियन डॉलर कर दी। mugksusa फौरन डील तोड़ दी और फिर कभी एफबी की बोली नहीं लगने दी। गूगल, एओएल और माइक्रोसॉफ्ट ने एफबी के लिए ऑफर किए, लेकिन mugksusa इनकार कर दिया।
7 . उसको औपचारिकता और लीगल दावपेंचों से नफरत है। वह सीधे रिश्ते बनाने का तरीका अपनाते हैं। बड़े पदों पर हायरिंग के वक्त कैंडिडेट के साथ वह जंगल में सैर पर निकलते हैं।
बड़े फैसले लेने का उनका अंदाज भी कॉरपोरेट कहानियों का हिस्सा बन चुका है। पिछले दिनों उन्होंने इंस्टाग्राम को खरीदा। अपने घर पर इंस्टाग्राम के सीईओ केविन सिस्ट्रॉम से उन्होंने अकेले बात की। उनके एडवाइजर और वकील दूर बैठे रहे। डील हो जाने पर दोनों बाहर बैठ कर आइसक्रीम खाने लगे। इस दौरान उनके साथी गेम ऑफ थ्रोन फिल्म देखकर वक्त गुजारते रहे।
8 . उसने अपने विरोधियों को वक्त रहते निपटाने की स्ट्रैटिजी अपनाई। हार्वर्ड में उनके क्लासमेट रहे जुड़वां भाइयों कैमरन और टायलर विंकलेवोस का दावा था कि फेसबुक का आइडिया उनका था जिसे डिवेलप करते हुए उसने चुरा लिया। मुकदमेबाजी के बाद उसने 2008 में 65 मिलियन डॉलर में उनके साथ समझौता कर लिया। विंकलेवोस भाइयों ने आरोप लगाया कि एफबी का दाम लगाने में गड़बड़ी की गई है, लेकिन उनकी अपील नामंजूर हो गई। माना जाता है कि एफबी को बनाने वाले तमाम साथियों को जकरबर्ग ने या तो निकाल दिया या निकलने पर मजबूर कर दिया। एक मिसाल एडुआडोर् सेवेरिन की है, जो एफबी के को-फाउंडर थे। निकाले जाने के बाद सेवेरिन ने मुकदमा किया, लेकिन उन्हें महज 5 फीसदी हिस्सेदारी मिली।
पर्सनल ftnaxh
कंपनी के साथियों के साथ ही वक्त गुजारते हैं। पालो ऑल्टो में फेसबुक हैडक्वॉर्टर के पास ही 70 लाख डॉलर का उनका पांच बेडरूम वाला घर है। अपने बचपन के प्यार प्रिसिलिया चैन से उन्होंने अचानक शादी कर ली है। साल भर पहले उन्होंने एक डॉगी अडॉप्ट किया, जिसका नाम बीस्ट है। अपने मालिक की तरह बीस्ट का भी एफबी अकाउंट है। वह प्राचीन ग्रीस और रोम से प्रभावित हैं। जब वह लड़के थे, तो सिविलाइजेशन नाम का विडियो गेम उनकी पसंद था। इस गेम में एक नया एंपायर तैयार करना होता है।
कौन हैं उनके खास
चीफ फाइनैंशल ऑफिसर डेविड एबर्समैन, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शेरिल सैंडबर्ग और प्रॉडक्ट वाइस प्रेजिडेंट क्रिस कॉक्स।
फिल्मी लाइफ
उसपर बनी फिल्म द सोशल नेटवर्क पिछले साल ऑस्कर की रेस में शामिल रही थी। इस फिल्म को जकरबर्ग का सपोर्ट माना जाता है। इसमें उन्हें एक चालाक और सख्त बिजनेसमैन के तौर पर दिखाया गया है। लेकिन उसकी पर्सनल लाइफ में अकेलापन है।
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